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हां हम जंगली हैं और खुशकिस्मत हैं कि हम जंगल की प्योर चीजें खाते हैं’. इस टैग लाइन के साथ बस्तर फूड की संचालक रजिया शेख ‘महुआ टी’ को प्रमोट कर रही हैं. लेमन टी, ग्रीन के बाद अगर आप अपना स्वाद बदलना चाहते हैं तो महुआ टी ट्राई कर सकते हैं. कैसे बनती है महुआ टी ।
जगदलपुर 11 जून (KRB24NEWS) : आज के इस समय में लोग अपनी एनर्जी बढ़ाने और मोटापा कम करने के लिए ग्रीन टी पी रहे हैं, लेकिन अब एक और चाय देश के साथ विदेशों में भी चर्चा बटोरने वाली है. ये चाय है बस्तर की जंगली महुआ टी .बस्तर फूड की संचालक रजिया शेख दावा है कि आसानी से बनने वाली इस महुआ टी से ना सिर्फ थकान मिटती है, बल्कि इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है. इससे पहले वे महुए के लड्डू और कैंडी बना चुकी हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर के प्राकृतिक खाद्यान्न (ऑर्गेनिक फूड) भी देश-विदेशों में काफी फेमस हैं. खासकर बस्तर बियर के नाम से मशहूर सल्फी पेड़ का रस, चापड़ा चटनी और महुआ की बनी शराब का स्वाद बस्तर घूमने आने वाले लोग जरूर चखते हैं. बस्तर की बेटी रजिया शेख ने महुआ से लड्डू तैयार किया था और इसकी पूरे दुनियाभर में जमकर तारीफ हुई. इस महुआ लड्डू के साथ-साथ रजिया शेख ने महुआ की कैंडी भी तैयार की. इन दोनों की डिमांड देखने के बाद अब रजिया ने महुआ से चाय बनाना तैयार किया है.
महुआ चाय
बस्तर प्रोडेक्ट्स को प्रमोट करने की कोशिश
रजिया शेख ने बताया कि देशभर में ग्रीन टी काफी मशहूर है. इसके अलावा अदरक और कई तरह की चाय का भी लोग लुत्फ उठाते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने महुआ से चाय बनाने की विधि सीखी और इसे तैयार किया. धीरे-धीरे इस महुआ चाय की जमकर तारीफ होने लगी. उन्होंने बताया कि उनका पूरा स्टाफ महुआ से बनी चाय ही पीता है. इसके अलावा उनसे मिलने आने वाले क्लाइंट्स को भी महुआ चाय ही दी जाती है.
महुआ टी की पेपर पैकेजिंग
‘महुआ चाय में नहीं होता नशा’
उन्होंने बताया कि महुआ से बनी इस चाय में कोई नशा नहीं होता. महुआ को पेड़ से तोड़ने के बाद इसे सुखाया जाता है और फिर वॉश किया जाता है. जिसके बाद इससे चाय तैयार की जाती है. रजिया ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए वे पिछले डेढ़ साल से इस महुआ चाय का सेवन कर रही हैं. जिससे उनकी थकान दूर होने के साथ उन्हें काफी एनर्जी भी मिलती है. रजिया का दावा है कि इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं. बैली फैट के लिए यह टी फायदेमंद है.
महुए की चाय
महुआ टी बनाने की विधि
- महुआ लेकर उसे पानी में डालें.
- 5 से 7 मिनट बॉयल करें.
- मीठा कम पसंद करने वालों को महुआ टी में शक्कर या गुड़ डालने की जरूरत नहीं है. महुए में पहले से ही मिठास होती है.
- मीठा पसंद करने वाले थोड़ा गुड़ डाल सकते हैं.
- छानकर प्याले में डालें और गर्म-गर्म महुआ टी से अपनी थकान मिटाएं.
देश के साथ विदेश में भी जल्द पहुंचेगी ‘महुआ टी’
रजिया शेख ने बताया कि जल्द ही महुआ टी बस्तर के मार्केट में भी उपलब्ध होने वाली है. इसकी मार्केटिंग करने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा अमेजन पर भी जल्द महुआ की चाय उपलब्ध हो जाएगी. जिससे आसानी से भारत के साथ ही विदेशों में रहने वाले लोग भी महुआ टी का लुत्फ उठा सकेंगे. उन्होंने बताया कि महुआ टी पेपर पैकेट्स में पैक कर दिया जा रहा है. किसी तरह के प्लास्टिक का यूज नहीं किया जा रहा है. 100 ग्राम की महुआ की चाय की कीमत 50 रुपये रखी गयी है. एक पैकेट से 7 से 8 बार चाय बनाई जा सकती है. सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद महुआ से चाय तैयार की जा रही है.
आसानी से बन जाती है महुआ टी
महुआ के लड्डू महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद
रजिया शेख बस्तर के प्राकृतिक फूड से प्रोडक्ट तैयार करती हैं. बस्तर में जितने भी ऑर्गेनिक फूड पाए जाते हैं, उनसे वे खाने-पीने की चीजें तैयार करती हैं. रजिया शेख के बनाए महुआ के लड्डू की देश-दुनिया भर में जमकर तारीफ हुई. पूरी तरह से इस लड्डू में ड्राई फ्रूट का उपयोग कर ना सिर्फ लड्डू को हेल्दी फूड बनाया गया, बल्कि कुपोषण के खिलाफ भी ये कारगर हो रहा है.
जंगली प्रोडक्ट्स से हेल्थ भी वेल्थ भी
वर्तमान में रजिया शेख की टीम बस्तर के प्राकृतिक खाद्यान ऑर्गेनिक फूड से नए-नए प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं. संभाग के 3 जिलों में महिला स्वसहायता समूह की मदद से प्रोडक्ट तैयार किया जा रहा है. इसमें महुए के प्रोड्क्ट्स के अलावा, मसाला काजू, मसाला गुड़, इमली का सॉस, महुआ जैली, जैम बनाए जा रहे हैं. इससे ना सिर्फ महिलाओं और युवाओं को इस कोरोनाकाल में रोजगार उपलब्ध हो रहा है, साथ ही इस बस्तर की प्राकृतिक खाद्यान्नों से प्रोडक्ट तैयार करने के बाद इसकी डिमांड भी काफी बढ़ रही है.
महुआ चाय
‘शासन से मदद मिलने से प्रोडेक्टस के लिए जाना जाएगा बस्तर’
रजिया शेख का कहना है कि अगर अगर शासन की ओर से उन्हें प्रोसेसिंग प्लांट के लिए जमीन उपलब्ध हो पाती है या फिर फूड पार्क में स्थान दिया जाता है, तो निश्चित तौर पर महुआ से बने इन सभी प्रोडक्ट की डिमांड देश दुनिया में बढ़ेगी. जिससे बस्तर के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. नक्सल के लिए पहचाने जाने वाला बस्तर अपने जंगली प्रोडेक्ट्स के लिए जाना जाएगा.
फिलहाल महुआ की चाय लोगों को काफी पसंद आ रही है. यही वजह है कि अब दूसरे राज्य के लोगों को भी बस्तर की यह प्रोडक्ट काफी पसंद आ रही है. जिससे इसकी डिमांड भी काफी बढ़ी हुई है.